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शुक्रवार, २२ ऑक्टोबर, २०२१

** अबोल ***

          प्रेम विरहानंतर आलेली ही भावना. शब्द भावना अबोल होता या भावविश्वात  
स्वरचित...स्वलिखित कविता आहे.

           ** अबोल ***

अबोल मन माझे आता 
अबोल श्वास  माझा आता 
अबोल भावना माझ्या आता 
तुझ्याविना तुझ्या शब्दाविना 
तुझ्या नयन प्रेमाविना 
अबोल सारे... शब्द ही अबोल 
मी ही अबोल...
हसू ही अबोल....
 प्रेम ही अबोल.... 
.....माझे !!!


           ✍️🏻©️®️सविता तुकाराम लोटे

 ©️®️✍️Savita Tukaramji Lote
शीर्षक :-  ***   अबोल ***

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*** Abol ***

 Abol Mann is mine now
 Abol breath my now
 Abol feelings my now
 Without you without your words
 Without the love of your eyes
 Abol saare ... Shabad hi abol
 I am Abol ...
 Hasu hi abol ....
 Prem hi abol ....
 ..... mine !!!


           ✍️🏻© ®️Savita Tukaram Lote

 ✍️🏻©️®️Savita Tukaramji Lote
 Title: - *** Abol ***

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 Thank you ... !!!




*** अबोल ***

 अबोल मन अब मेरे हैं
 अबोल सांस मेरी अब
 अबोल फीलिंग्स माय नाउ
 तुम्हारे बिना तुम्हारे शब्दों के बिना
 तेरी आँखों के प्यार के बिना
 अबोल सारे ... शबद हाय अबोल
 मैं अबोल हूं...
 हसु हाय अबोल....
 प्रेम हाय अबोल....
 ..... मेरा !!!


            ✍️🏻©️®️सविता तुकाराम लोटे

✍️🏻©️®️सविता तुकारामजी लोटे
 शीर्षक :- *** अबोल ***

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