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शुक्रवार, ११ फेब्रुवारी, २०२२

..वादा है मेरा सुनने की भूमिका में .......Happy promise Day



     "  .....वादा है मेरा
 सुनने की भूमिका में ......."

        वो कहते है सुनता हूँ ...वो बोलता है मैं लगातार सुनने के रोल में हूँ...!!

 पागलपन को ना कहो
 ऐसा क्यों होना चाहिए?
 शब्द मेरे करीब है
 भूमिका क्यों?
 अबोल होते....!!


 लेकिन मुझे लगातार आश्चर्य होता है कि यह भूमिका क्यों ली गई है;  मन में फिर शुरू होती है सवालों की बहार और मन में जवाबों का सफर..!  लेकिन वास्तव में यह सुनने की भूमिका में है।

 कई बार अनजाने में ये चंचल मां भी हमारे सामने आ जाती है और मां बोलती है, उसके सामने कोई सवाल नहीं बल्कि सवाल आते हैं और ऐसे सवाल पूछे जाते हैं.

 आपको हर बार क्यों सुनना पड़ता है?  क्योंकि सामने वाला आपसे ज्यादा आपसे प्यार करता है।  हमारा वजूद..हमारी बातें...हमारी रहन-सहन....हमारी सोच, हमारी अभिव्यक्ति का ढंग और हमारे बोलने का ढंग उसका है.

 
हमारा अस्तित्व है, "वह स्वयं है।"

             क्या वाकई ऐसा है?  पता नहीं  लेकिन मां इस पर ज्यादा फोकस करती हैं।  जिंदगी कितनी सीधी है... हमारा वजूद उसका है।  माँ आराम से बोलती है, हाँ !!  प्यार हमसे सब कुछ लेता है और उसके लिए हमसे सबकुछ भी लेता है।

 जानिए, अपनी सीमाएं, अपनी सारी भावनाएं, अपनी दुनिया और अपने अस्तित्व को।  सिर्फ तुम्हारे प्यार की वजह से।  क्या उसमें प्रेम नहीं है?  उत्तर हमेशा हो भी सकता है और नहीं भी।  पता नहीं प्यार कहाँ है?

 सब कुछ अलग है। साथ ही, आपकी भूमिका हमेशा सुनने की क्यों होनी चाहिए और क्यों नहीं होनी चाहिए।  हालांकि इस सवाल का जवाब नाखून के निशान के सामने है।  क्योंकि हम सुनने की भूमिका में हैं।

 3 शब्द मेरे हैं
 शब्द उसका भी है
 जड़ता, हालांकि, उनके शब्दों के लिए
 कोमलता, तथापि, श्रोता की भूमिका के लिए
 इंतजार जो भी हो
 आनंदमय आनंद का
 बहुत खूब ... ...
 दुख की सफलता...!!!


अपने संस्कारों में वह हमेशा मुझमें मां के इन शब्दों को रखती हैं।  हमारी उम्र कितनी भी हो, वो संस्कार हमसे दूर नहीं जा सकते और परंपराएं, संस्कृतियां कहीं पीछे छूट जाती हैं।  संस्कारों के आगे!

 क्योंकि ये संस्कार हमें उड़ने की शक्ति देते हैं।  वे आपको दुनिया को अपने हाथों में पकड़ने की शक्ति देते हैं।  आत्मविश्वास बटोरता है।  पंखों को केवल अनुपात की भावना देने के लिए दिखाया गया है।

 एक अच्छा व्यक्तित्व होता है और यही हमारी ताकत है...सफलता।

 पंखों को केवल अनुपात की भावना देने के लिए दिखाया गया है
 संस्कारों ने प्राप्त की आत्म-सम्मान की शक्ति
 संघर्ष से आत्मबल को मिली ताकत
 संघर्ष को मिली ताकत
 अच्छा व्यक्तित्व
 अच्छे संस्कारों का

 इसलिए अच्छे संस्कार कभी असफल नहीं होते।  और कभी नहीं जीतता।  तो वो आपके साथ हैं... एक सफल शख्सियत बन रहे हैं..!  (सफलता की परिभाषा हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है।) इसलिए अपना वादा खुद करें।

 
इस समाज में एक अच्छे इंसान के रूप में मेरा सम्मान होगा।  गणित में सफलता और असफलता के बीच अटूट संघर्ष का सामना करना... अपनी एक दुनिया बनाएगा।  लेकिन अच्छे शिष्टाचार और प्यार भरे दिल की गवाही के साथ !!!!

  चाहे कितना भी संघर्ष हो, कितनी भी सफलता और कितना भी पैसा क्यों न हो।  "अच्छा व्यक्तित्व आपके जीवन की कुंजी है।"  वह किसी भी घटना में आपके साथ है और आपका व्यक्तित्व आपके मूल्यों की स्वीकृति है।  खुद से वादा करो....हैप्पी प्रॉमिस डे...!!!

 कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या भूमिका निभाते हैं।  भूमिका चाहे सुनने की हो...बोलने की हो...चाहे वह भूमिका हो जो किसी से बेहद प्यार करती हो...क्योंकि अच्छी शख्सियत हमेशा किसी भी भूमिका में सफल होती है।  क्योंकि आपने खुद से एक वादा किया है।  आपका संस्कार !!

 तुम मेरी आशा हो
 तुम मेरा सपना हो
 और एक प्यार भरे रिश्ते की शुरुआत
 मेरी रेशमी गांठ में
 सिर्फ मैं तुम्हारे साथ
 और तुम मेरे साथ

 हालांकि मैं सुनने की भूमिका में हूं, लेकिन मैं निर्णायक भूमिका में हूं।  तुम्हारे साथ;  हमेशा हमेशा के लिए  मेरे साथ ..!  मेरे शब्दों और अपने हाल के अस्तित्व से परे, भले ही आप मेरी भूमिका में जोड़ दें, यह हमेशा मेरी मां का वादा है जो मुझे उन शब्दों के साथ है।

 एक अच्छा इंसान बनाने के लिए यह उनका निरंतर प्रयास है।  कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं आपके साथ क्या भूमिका निभाता हूं ... एक महिला के रूप में मैं खुद से वादा करती हूं।  हर किसी की भूमिका होती है।
 तो खुद से वादा करो...

 कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं क्या भूमिका निभाता हूं, मुझे लगता है कि मेरा प्रदर्शन एक सुसंस्कृत व्यक्तित्व का होगा।  ताकि मैं किसी भी हाल में अपने व्यक्तित्व को सफलता के उस पथ पर कायम रख सकूं...

 मेरे सभी दोस्तों को हैप्पी प्रॉमिस डे..!


 ✍️🏻©️®️सविता तुकारामजी लोटे
 शीर्षक:- वादा मेरा है
 सुनने की भूमिका में ...

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